आई पंथ



विभिंन धर्मो तथा जाती के लोग आपस में झगड़े नहीं इस कारण आई पंथ में सभी जारतीयो के लोगो को जोड़ा सदभावना पैदा की तथा सभी जाती व धर्मं के लोगो को पिछले ५०० वर्षो से मन्दिर में पूजा अर्चना करने की आज्ञा प्रदान की |





बिलाड़ा पधार कर माताजी ने बैल बनवाई तथा बाबा मंडली के साथ मारवाड़ में गांव-गांव भ्रमण कर आई पंथ के नियम बताये
आई पंथ ( ग्यारह नियम )


"पहलो झूठ तजो सुख पाई"



ईमानदारी व मेहनत से कमाया पैसा ही घर में बरकत व समृद्वि लायेगा | चोरी व बेईमानी व मिलावट से कमाये पैसो से घर में कभी खुशहाली नहीं आयेगी





"दूजो तो मद मांस चुड़ाई"

शराब तथा मांस का सेवन करने से कई लोगों के परिवार तथा जिंदगिया बर्बाद हो गई है



"ब्याज पर धन न लेओ"


आई माताजी ने कहा था आई पंथ इस लोक व परलोक दोनों को सुधारेगा | इस कारण माताजी ने ब्याज पर धन उधार लेकर कर्जदार बनने वाले लोगों को दुर्गति से बचाने हेतु |



"चौथे जुआ भी नहीं खेलो"

जुअा खेलने से सर्वनाश होता है तथा जुआ नहीं खेलने से घर में समृद्वि आती है


"पंचम मात पिता की सेवा"

माँ बाप का तिरस्कार करने वाला कभी सुखी व समृद्धिशाली नहीं हो सकता



"छठे अभ्यागत हो देवा"

गरीब अभ्यागत तथा घर आये मेहमान का स्वागत तथा उन्हें यथा योग्य मदद देने से घर में सुख समृद्धि आती है

"सात गुरु की आज्ञा मानो"


गुरु ज्ञान का भंडार होता है, वो जो कहे, वो चाहे चेले को समझ में आये या न आये, उसे आज्ञा रूप मान चलने में उसका हित है गुरु की आज्ञा पालने वाला सदा सुखी होगा तथा आपस में लड़ने वाला दुखी


"आठो परहित मारग चालो"
अपनी कमाई का कुश हिस्सा अगर सौ रुपये कमाते तो एक रूपया धार्मिक तथा परोपकार में लगाने, मंदिर, धार्मिक स्थान निर्माण कराना | हर घर में सुबह -शाम घी का दीपक करने से सुख समृद्वि आती है



"नव पर नारी माता जानो"


वेश्या वृति से सर्वनाश होता है तथा अपनी पत्नी को लक्ष्मी रूप मान शुद्ध आचरण करने वाले के घर में समृद्धि आती है


"दस कन्या को धरम परणावो" 

अपनी लड़की को पैसे लेकर ब्याह करने वाला परिवार दुखी हो जाता है तथा लड़की को अपनी श्रद्धा अनुसार अच्छे लड़के से ब्याह कराने वाले परिवार में सुख समृद्धि आती है







"ग्यारह कष्ठ कने नी दीजो" 


(Source : Aaimata Mandir Bilara)