पुस्तके


Original Written By Aai Mataji, But No one can be understand this
-: श्री आई माताजी नमः :-

            आई एवं सीरवी में प्रचलित धर्मशास्त्र व साहित्य बाबत यह उल्लेख करना उचित होगा परन्तु ५५० वर्ष पूर्व का किसान (सीरवी) बिलकुल अनपढ़ था, इस कारण आई माताजी ने अपने उपदेशों बाबत कोई पुस्तक नहीं लिखी , सिर्फ ११(ग्यारह ) नियमों व परम्पराओं पर यह पंथ आधारित है|आई माताजी ने अपने आपको ज्योति मेँ विलीन करने के पश्यात उस गाधी पर केवल उनके पहने हुए वस्त्र व एक पुस्तक मिली जिसे कई वर्षो बाद दीवान हरिसिंग जी द्वारा उसकी हस्त लिखित कापी करवाई गई, तथा उस कापी को सब जगह विद्वानो के पास पढने को भेजी, लेकिन उसकी भाषा लिपि को कोई भी नहीं समझ पाया यह पुस्तक आज भी सुरक्षित है तथा चार बड़ी चांदनी बीज (दुज) को गादी पति दीवान साहब द्वारा गुप्त पूजा की जाती है यह पूजा की परम्परा आदि काल से चली आई है इसलिए प्रथम पुस्तक तो इसे ही माना जायेगा |


1श्री आई माताजी द्वारा लिखित वो फोटो कापी श्री आईमाताजी द्वरा लिखीत पुस्तक का पृष्ठ जो देववाणी में लिखा गया है।
2आई माताजी का संक्षिप्त इतिहासश्री सीतारामजी
6श्री आई चरित्र गुजराती-श्री रामाकान्त रमण
7श्री आई पंथ का संक्षिप्त इतिहासश्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल (भावी)संवत
8आई पंथ की वाणियांश्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल भावी
9जति द्रगा बाबा जी पंवारश्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल भावी -(1946)
10आई माताजी की चेतावणी संग्रहश्री रामलाल बर्फा
11आई पंथ का इतिहासस्वर्गीय श्री नारायण राम लेरचा (बिलाड़ा) प््राकाद्गाक : स्वर्गीय माजी साहब राजकंवर जी की प्रेरणा से संवत :
12ज्योतिर्मय जीवन दर्द्गानश्री पोमाराम परिहार,गुमान जी पीर प््राकाद्गाक : श्री जसाराम पु़त्र श्री नवाजी सोलंकी देसूरी (पाली) संस्करण - 2006
14जागती जोत दर्द्गानश्री पोमाराम परिहार प्रकाद्गाक - श्री मति वाली वाई पत्नि श्री दूदा रामजी परमार व श्रीमति गंगाबाई पत्नि स्ंव श्री नेनाराम परमार (2005)
15श्री आई माताजी की साखियांॅप्रकाद्गाक -श्री सत्‌गुरू देव द्रॅंवर महाराज बिलाड़ा नारलाई श्री आईमाताजी/जैकलजी नारलाई (देसूरी)
16श्री आईजी दर्द्गानसंकलन व संपादन - पोमाराम परिहार, गेनाराम सोलंकी प्रकाद्गाक -श्री जसाराम पुत्र श्री नवाजी सोलंकी देसूरी (पाली)
17दिव्य दुहा दरसणश्री पोमाराम परिहार प्रकाद्गाक -श्री जैकलजी आईमाता सेवा समिति नारलाई सौजन्य - श्री जसाराम पुत्र श्री नवाजी सोलंकी देसूरी (पाली) प्रथम संस्करण (2009)
18जगमग ज्योतिश्री पोमाराम परिहार नारलाइ देसूरी (पाली) प्रकाद्गाक - जीवसेवा संस्थन नारलाइ (पाली) प्रथम संस्करण (2008)
19श्री आई उपासनासंकलन कर्त्ता-हरिराम चोयल (देवली कला) नं: 1236 एन,एस,रोड़ मैसूर (सन्‌ 2004)
20द्रारत का आघ्यात्मक चिन्तन ''आई-पंथ''श्री हरिराम चोयल (देवकी कला)संस्थापक अघ्यक्ष कर्नाटक सीरवी समाज (पंजीकृत) मैसुर। प्रेरक धर्मगुरू दीवान साहब माधवसिंह जी ठि, बडेर, बिलाड़ा (प्रथम संस्करण 29,जनवरी 2011)
21सीरवी समाज का उद्‌भव एंव विकास(2007) ग्रंथकार - श्री रतनलाल सीरवी आगलेचा (द्रावी, जोधपुर)
22आई माताजी के नित्य कर्म व दर्द्गान पूजा के मंत्रलेखक- श्री जती द्रगा बाबाजी प्रकाद्गाक-दिवान साहब श्री माधवसिंह जी
23आई पंथ जैसा मैं समझपायादिवान माधवसिंह जी के प्रवचनों पर आधारित संकलन कर्त्ता -  श्री लालूराम मुलेवा बडेर वास बिलाड़ा।
25दिवान रोहित दास जीश्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल (द्रावी) ( वि.सं. - 2008 )
26आई चालीसासंकलन कर्त्ता -  परम वंदनीय माधव सिंह जी दिवान साहब प्रथम संस्करण(2008)
27आई पंथ में बीजस्वर्गीय श्री  नारायण राम सीरवी (लेरचा) प्रकाद्गाक-पुना बाबा जी बडेर बिलाड़ा प्रथम संस्करण (2008)
28आई माताजी की चित्रकथा दर्द्गानसंकलन कर्त्ता- श्री पोमाराम परिहार नारलाइ देसूरी (पाली) प्रकाद्गाक-श्री जैकलजी आईमाता सेवा समिति नारलाइ जि. पाली (राजस्थान)
29दिवान रोहित दास जीश्री प्रभूलाल लखावत लालूराम मुकेवा (2004)
31गुरू महिमाजति भगा जी की निसाणी -श्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल -देवस्थान मंदिर ट्रस्ट।
32आई माता जी की ओलखाणस्वर्गीय श्री  नारायण राम लेरचा
33आई आणद विलासश्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल
34आई जस जनावलीश्री लूम्बा बाबा जी, बडेर बिलाड़ा
35आई माता जी की बेलश्री लूम्बा बाबा जी, बडेर बिलाड़ा
36जाति हुकमा बाबाजीश्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल
37आई माताजी की ज्योति स्वरूपास्वर्गीय श्री  नारायण राम लेरचा बिलाड़ा
38सती कागण जीश्री द्गिावसिंह मल्लाजी चोयल 1944
39द्गात्ति साधनाश्री हरीराम चोयल देवली कला
40जय एकलिंगजी (जैकलजी नारलाई)श्री पोमाराम परिहार (2007)